हल्की हल्की आंच पे पकने वाला प्रेम कड़क चाय की तरह होता है। हल्की हल्की आंच पे पकने वाला प्रेम कड़क चाय की तरह होता है।
माँ ने किसी तरह कोई काम का बहाना कर के शर्मा जी चुप कराया। माँ ने किसी तरह कोई काम का बहाना कर के शर्मा जी चुप कराया।
''अगर प्यार सच्चा हो दोनों को एक दूजे पर भरोसा हो तो स्वयं परमात्मा भी उस प्यार का साथ देने लगते ह !... ''अगर प्यार सच्चा हो दोनों को एक दूजे पर भरोसा हो तो स्वयं परमात्मा भी उस प्यार ...
“सुनो, आखिरी स्टॉप से आधा किलोमीटर पहले ही उतार देना।” मैंने कण्डक्टर से विनती की और उसने सहस्रध... “सुनो, आखिरी स्टॉप से आधा किलोमीटर पहले ही उतार देना।” मैंने कण्डक्टर से विन...
उसके अहसास से भरी हुई है। वो डूब गई, बहुत गहरे क्योंकि ऐसा लग रहा है कि उसकी आवाज बहुत दूर से आ रही ... उसके अहसास से भरी हुई है। वो डूब गई, बहुत गहरे क्योंकि ऐसा लग रहा है कि उसकी आवा...
और सजे सजाये वेडिंग हाल में प्रकाश अकेला बैठा रह गया। और सजे सजाये वेडिंग हाल में प्रकाश अकेला बैठा रह गया।